खरबूजा खाएं सेहत बनायें

https://apnadesiupchar.blogspot.com/2020/04/kharbooja-kharbooja.html
हिंदी- खरबूजा; संस्क्रत- दन्शागुल, फलराज, खरबूज, मधुफला इत्यादि; बंगाली- खरबूजा; मराठी- खरबूजा; गुजराती- खरबूजा; तेलगु- चिउड़, खरबूजम; अरबी- वितिज; फारसी- खरबूजा |

प्राप्तिस्थान- यह भारतवर्ष में सर्वत्र पाया जाता है इसकी खेती भी की जाती है |

पहचान– खरबूजा अम्रत के समान त्रप्तिकारक, मत्रुल, बलकारक, कोठे को शुद्ध करने वाला, शीतल वीर्यवर्धक, स्निग्ध और उन्माद को नाश करने वाला, कफकारक और वीर्यजनक होता है |
गुण :-

आयुर्वेद- कच्चा खरबूजा कडवा, मधुर और खट्टा होता है पुराना खरबूजा मधुर, अम्ल तथा रक्त-पित को उत्पन्न करने वाला होता है पका हुआ खरबूजा त्रप्तिकारक, पौष्टिक, मूत्रवर्धक और कोठे को शुद्ध करने वाला होता है|

यूनानी- यह दुसरे दर्जे में शीतल और तर होती है यह पसीना लाता है पेशाब को साफ करता है, दूध को बढाता है गुर्दे के रोगों को मिटाता है जलोदर ओर पीलिया में लाभदायक है पथरी को निकाल देता है यह मेढे की गर्मी ओर खराबी को भी दूर करता है लेकिन इसका अधिक सेवन मेदा ओर आंतो को कमजोर करता है इसके छिलके का लेप मुंह पर लेप करने से छाई मिटती है यह दिमाग के वर्म ओर नजले को फायदा पहुंचाता है इसका बीज पहले दर्जे में गर्म ओर दुसरे दर्जे में गर्म होते है यह जिगर के सुददे को खोलते है पेशाब साफ लाते है गुर्दे, मसाने ओर आंतो को साफ करते है इनके सेवन से दस्त साफ होता है ओर पेशाब की जलन मिटती है ओर वीर्यवर्धक है, सीने के दर्द और जिगर की सुजन को मिटाते है, गले की जलन को भी दूर करते है, दूध बढाते हैं, पित्त ज्वर को शांत करते है, इसके बीजो का चेहरों पर लेप करने से कांति बदती है |
https://apnadesiupchar.blogspot.com/2020/04/kharbooja-kharbooja.html

उपयोग :-

  1. खरबूजे की मींगी को जल के साथ पीसकर उसमे चन्दन के तेल की पन्द्रह या बीस बूंद डालकर पिलाने से सुजाक में लाभ होता है |
  2. इसकी मींगी को घोटकर लगाकर उसमे जोखौर ओर कलमी शोर मिलाकर पिने से गुर्दे का शूल मिटता है ओर पेशाब साफ होती है | छोटी इलायची   अदरख के ख़ास गुण    तुलसी के अनेक फायदे     काजू खाने के फायदे    अंगूर खाने के विशेष लाभ  

Post a Comment

हमारे लिए कोई सवाल, सुझाव या शिकायत है ? यहाँ लिखें

और नया पुराने